एक स्त्री कैसी होती है
एक स्त्री का स्वभाव--
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स्त्री कैसी होती है ??
वह किसके जैसी होती है।
तो वह शिव जैसे होती है
सब कुछ हज़म कर जाती है।
अपनी निद्रा वह पी जाती है
दूसरे को नहीं जगाती है।
अपना सुख चैन सब कुछ तो
दूसरों पर ही वह लुटाती है।
चाहे उसकी गलती हो या नहीं
वह चुपचाप सब सह जाती है।
जन्म से पहले और बाद में भी
लिंग भेद का शिकार होती है।
पुरुष प्रधान समाज में रहती है
पता नहीं कैसे एडजस्ट होती है।
जिसको देखो कुछ भी कहता है
फिर भी उफ़ नहीं कर पाती है।
लाखों का तिलक दहेज लाती है
ओह!!फिर क्यूं जला दी जाती है।
बेटी के मान सम्मान खूब करते हैं
फिर भी अस्मत क्यूं लुट जाती है।
कहते हैं कि पुरुष के बराबर है वो
फिर गर्भ में ही क्यूं मारी जाती है।
मां,बहन,सास,ननद और बहुत से
रुप में सबकी सेवा किये जाती है।
मगर कितने अफ़सोस की बात है
वह हम सबसे कितना दुख पाती है।
शिव जी ने एकबार विष पी लिया था
पर ये तो हर रोज ज़हर पिये जाती है।
सबके साथ रहकर भेद नहीं करती है
पर वो अपनों में ही"अकेला"रह जाती है।
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राम बहादुर राय "अकेला"
भरौली,नरहीं,बलिया, उत्तरप्रदेश
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