नवका जमाना बा आइल सब अपने में भुलाइल
नवका जमाना आइल,सब अपने में बाटे भुलाइल ------------------------------------------------------------ नवका जमाना बा आइल,सब केहू अपने में भुलाइल मसूरी,लतरी,जौ,लेतरी, सबसे अब नाहिंये चिन्हाइल। भरल दुपहरिया में लोगवा सतुवा-पियाज खात रहल हर-बैल खोले के बेरिया हरियर महादेव बोलात रहल। ठाढ़े घाम से डाढ़ा लेसे, भर दुपहरी में सब सोन्हाइल पिपरा के छांहा में निखहरे सुति के मजिगर उघांइल। सब केहू जेकर कुचराई करे,उहो काल्हुवे लगे आइल आपन खोरिया बहार ए बाबा से सब रहल बन्हाइल। काली माई बसेली सिवानवा ,सबका याद रहत रहल कवनो बेमारी-हेमारी आवे,कृपा से सभे बंचत रहल। केहू के लड़िकी पहिलंउठी नइहर से ससुरा से आइल पूरा गांव के आशीर्वाद लेइके, बेटियो रहसु अगराइल। पहुना जब आवसु सभ केहू उनसे हंसी करत रहल। होखे जब उनुके विदाई,अंखिया लउके ढ़बढ़ियाइल। वियाहे से पहिले संगे रहेलन , कइसन समय आइल लड़िकी पसन बा त ठीक ,नाहीं त दूसरो खोजाइल। अइसन आधुनिकता के ई बेमारी सभकरे के धराइल नेह-छोह छोड़ि के अपने में सब केहू बाटे अंझुराइल। ---------------- राम बहादुर राय भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश @followers