अर्जुन युद्ध कर!युद्ध कर!!!

अर्जुन युद्ध कर!!युद्ध कर!!
---------------------------------
एक अकेला पार्थ खड़ा है
साथ ही पुरूषार्थ खड़ा है!

मिलके साथ खड़े हो जाओ
स्वर्णिम इतिहास खड़ा है!

दु:शासन से समाज पटा है
दुर्योधन चारों ओर खड़ा है!

धरती पर अत्याचार बढ़ा है
पाप का चक्रव्यूह बना है!

दुश्मन तो चारों ओर डटा है
केशव तुम्हारे साथ खड़ा है!

कैसा यह खून तुम्हारा है
जिसमें कोई उबाल नहीं है!

उन शहीदों से प्यार नहीं है
क्या उनका कर्जदार नहीं है!

हमारा कोई कर्तव्य नहीं है
तेरे जीने का अर्थ नहीं है??

उठ जाग ! उठ जाग ! जाग
अब चिर - निद्रा से जाग तूं!

जीवन व्यर्थ नहीं गंवाना है
संकल्प में तेरा विकल्प है!

दुश्मनों का संहार करना है
स्वत्व अपना छीन लेना है!

अब नहीं करना मनुहार है
छीन लो , तेरा अधिकार है!

नीति व नीयत की पुकार है
अर्जुन युद्ध कर !युद्ध कर!!

अब मोह में नहीं पड़ना है
देश के लिए जीना-मरना है!
--------------------
राम बहादुर राय
भरौली ,बलिया उत्तरप्रदेश
@followers

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान