असली मजा गांवे में बा
असली मजा बाटे गांवे में -------------------------------- जवन मजा मिलेला किसानी में उ मजा नइखे शहरी कहानी में। केतनो रहबऽ एसी कूलर में असली मजा त टूटही पलानी में। पिज्जा-बर्गर,चाउ-माउ खातड़ऽ मजा बाटे गांव के चुहानी में। वाल-पुट्टी,टाइल्स में रोग के घर मजा बाटे माटी हिन्दुस्तानी में। हाय-हल्लो टाटा-बाय बाय करबऽ मजा बाटे नेह-छोह के छानी में। दीवार पलंग डनलप पर सूतऽ असली मजा आवेला खटानी में। हवाई जहाज रोवर कार देखऽ असली मजा बा खेत हेंगानी में। केतनो बाथरूम महंगा बनावऽ असली मजा बाटे बहत पानी में। शहर में एगो फ्लैट बनववलऽ नीक लागे गंवुआ के दलानी में। कागज,प्लास्टिक के फूल देखऽ असली फूल पइबऽ तूं बागानी में। नदी-नाव शहर में देखत होखब कागज के नाव बरखा क पानी में। रिश्ता-नाता शहर में ना निभेला रिश्ता बचल गांव के निशानी में। ----------------- रचना स्वरचित अउरी मौलिक @सर्वाधिकार सुरक्षित। । राम बहादुर राय भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश