भारत की बिंदी है हिन्दी

भारत की बिंदी है हिन्दी
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देश की खांटी माटी है हिन्दी
भारत मां की बिंदी है हिन्दी!

हमारे लिए अभिमान हिन्दी
युद्ध के लिए प्रयाण हिन्दी !

सबको को हिन्दी आती है
हमारे देश की थाती हिन्दी!

यहां कण-कण में है हिन्दी
सबकी जुबान भी हिन्दी!

हमारी राजभाषा हिन्दी है
राष्ट्र गान व गीत भी हिन्दी!

फिर क्यूं नहीं राष्ट्रभाषा है
चारों ओर हिन्दी ही हिन्दी!

न्यायालय की भाषा अंग्रेजी
वैकल्पिक ही क्यों है हिन्दी!

क्या हिन्दी सम्मान नहीं है
राष्ट्र भाषा क्यों नहीं हिन्दी!

निज गौरव अभिमान हिन्दी
भारत का श्रृंगार है हिन्दी!

एक अमिट आवाज हिन्दी
आओ शान से बोलें हिन्दी!

जवानों की प्राण है हिन्दी
सबकी की आवाज़ हिन्दी!

भाषाओं की ताज़ है हिन्दी
संस्कृत की सहोदर हिन्दी!

एकता की पहचान है हिन्दी
ईश्वर की वरदान है हिन्दी!
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रचना स्वरचित एवं मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित। ।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
9102331513

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