झूठने के बोलबाला बा

झूठन के ही बोलबाला बा
---------------------------------
सब केहूवे अफनाइल बा
लागता कुछवू हेराइल बा।

झूठन के ही बोलबाला बा
सांच हेने तेने फेंकाइल बा।

सब अपने में भुलाइल बा
झूठन के लहलहाइल बा।

जेकर काम सेंगरा पर बा
उहो जबरिये उतराइल बा।

जे संचहीं इमानवाला बा
उ कामे में अंझुराइल बा।

मायाजाल फइलवले बा
सब माया में भुलाइल बा।

सोना थीर -पूर बइठल बा
पितरे के लहलहाइल बा।

अब के नीमन के बाउर बा
अब कठिन चिन्हाइल बा।

जे जेतने नीमन बुझात बा
उ ओतने ढ़ेर बिलाइल बा।

जवना नेंव पर जे ठाड़ा बा
ओही के उ अब काटत बा।

अजब-गजब जमाना बा
सबकेहू दूसरे के देखत बा।
--------------
राम बहादुर राय
भरौली बलिया उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान