आईं सभे गणतंत्र दिवस मनाईंजा
आईं सभे गणतंत्र दिवस मनाईंजा
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आज गणतंत्र दिवस मनाईंजा
तिरंगा के गगन में फहराईंजा।
जाति-धर्म से उपर होकर के
शहीदन के मान के बढाईंजा।
एक दूसरा के गले लगाईंजा
आपस के मतभेद भुलाईंजा।
सगरो संसार में ई देशवा महान
आईं फेरु से परचम लहराईंजा।
पूरा विश्व के शिक्षा देत रहिंजा
फिर से ओईसने ही बनाईंजा।
संविधान के रक्षा सगरो होखे।
हमनी के शपथ अब ई लेईंजा
आपस में केतनो लड़ाई करेके।
दुश्मन खातिर एक हो जाईंजा
एकबेर फेरू अलख जगाईंजा
अपना मन में ही गठियाईंजा
ई बहुत पावन पर्व ह हमनी के।
आईं सभे तिरंगा फहराईंजा
हमनी खातिर जे बलिया दिहल
ओ शहीदन पर शीश झुकाईंजा।
बहुत भईल छोट बड़ के बात।
सबकर अधिकार समझाईंजा
देशवे से त हमनी के बानी जा
अबहूं से मतभेद त भुलाईंजा
दुशुमनवा बइठल बाटे चहुंओर
एक बार फिर से जाग जाईंजा
ओके आपन एकता देखाईंजा
आईं सभे तिरंगा के फहराईंजा।
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
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