गंवुआ भइल बेजान

गंवुआ भइल बेजान
-------------------------
डह डह डहकेला
गंवुआ गिरवुंवा
शहर भइल परधान!

झन झन झनकेला
किसान बेटवुवा
गंवुआ भइल बेजान!

खट खट खटकेला
किसान चवुववा
दुवार भइल सुनसान!

चम चम चमकेला
अबके बबुववा
बेचले खेत खरिहान!

चुप चुप अहकेला 
फेंड़वा सुगवुवा
दुश्मन भइल इंसान!

डांड़े डांड़े लउकेला
अबके भकंवुवा
खेतवा बनल मकान!

कुहूं कुहूं कुहुंकेला 
अनजा मड़ुववा 
मिटल अब पहचान!

धम धम धमकेला 
पढ़ल बेटवुवा
बेचेला खेत खरिहान!
      --------------
राम बहादुर राय 
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश 
@followers

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान