इन्हे भी तो पापा जी ही लाये तो...
आप सभी को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं🙏🙏🙏
इन्हे भी तो पापा जी ही लाये थे तो ??
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वैसे तो मैं उसे बहुत दिनों से जानता था
लेकिन उसे जाना था अपने बुरे दिनों में।
आकर खामोश बैठे जाती थी मेरे पास
कभी देखती ,कभी सिर पर हाथ फेरती।
खाली होती तो अपने पांव को सहलाती
पूछने पर वह बोली कि ,जूती काटती है।
मैने कहा दूसरी ले लो ,तो उदास हो गई
कातर दृष्टि से बोली जूती पापा लाये थे।
लेकिन वर्षों के बाद अचानक मिल गई
बड़ी हो गई थी,अतीव सुंदर पर शर्मीली।
दुबली-पतली , मासूम सी प्यारी बिटिया
छोटी-छोटी बातें भी मुझसे ही कहती थी।
आज उसके साथ अन्जान सा युवक था
मुझसे मिलवाकर कहा ये मेरे पतिदेव हैं।
शहर में "मेरी आंखों में बहुतेरे से प्रश्न थे"
मैं सोचने लगा; यह इसके योग्य तो नहीं "
बिल्कुल ही वह बेमेल जोड़ी लग रही थी
बेहद समझदार थी मेरे मन को ताड़ गयी।
मेरे मन में उठते प्रश्न का उत्तर देना चाही
मेरे कानों में धीरे से फुसफुसा कर बोली....
एक छोटी सी किराने की दूकान चलाते है
क्या बोलूं इन्हे भी पापा ही लाये थे तो..?
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश,
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