सौदेबाज ही कामयाब

सिमट रहे हैं रिश्ते
चाहे दिल के हों
या जज्बातों के हों
चाहे एहसास के हों।

अब कामयाब वही

जो सौदेबाज होगा
रिश्तों के एहसास
का मतलब सिर्फ
भावनाओं से खेलना।

कामयाब नहीं वह
जो रिश्तों को समझे
उसे तवज्जो देता है
सबको जोड़ता है ।

यह कैसी दुनिया है

यहां कैसे कैसे लोग
जिसे मान दे दो वही
वह उसे ही कर देता
अलग-थलग"अकेला"।

दुनिया एक दिखावा

आज के इस जहां में
उल्टी ही गंगा बहती है
जो सूख गयी नदी है
उसी में नाव चलती है।

रिश्तों में भी व्यवसाय

सच की राहें मुश्किल
झूठ पे दुनिया चलती है
जितना बड़ा फरेबी है
उतना बड़ी कामयाबी
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राम बहादुर राय"अकेला"
भरौली,नरहीं,बलिया,उत्तरप्रदेश

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