धीरज और साहस जरूरी बा

साहस औरी धीरज जरुरी बा-
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अंखियां से आंसू जब बहेला
लोग दिल के भाषा कहेलन।

कुछु एकराके सही समझेलन
कुछ लोग ढकोसला कहेलन।

जे केहू आपन लोगवा होखेले
लिलरा पे ओके चिंता झलकेला।

काहे परेशानी में बाड़न लोगवा
हम त सबका दिलवे में रहिले।

बांटिए लिहल जाई दुखवा अपन
मनवा हमन के हलुक होईये जाई।

बतिया बा सांचे हमरो मति सोचा
हम त अपन भावना के परोसीले।

हम तोहन लोग के दिलवे में बानी
आसरा के फूलवा लेके आईल हईं।

साहस,धीरज से काम लिहल जाई
एगो दूसरा के दिलवे में रहल जाई।

एह दुनिया में आईल बा सब केहुवे
"अकेला"कुछो ना हो पावेला इहंवा।

साथ में रहिके दिल से दिल मिलाके
सब होई हंसत रहा खिलखिलाके ।
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राम बहादुर राय "अकेला"
भरौली,नरहीं, बलिया,उत्तरप्रदेश

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