जय हो मुखिया बाबा जी
शहीद स्व बरमेश्वर मुखिया जी को समर्पित एगो रचना----
अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि!! शत् शत् नमन!!! देर हो गईल बा काहें कि बहुत संगठन बनल बा हमनी के बाकिर केहू एह रचना के एप्रूव ना कईल हा तब आज हमरा फिर से लिखे के परल हां🙏🙏🙏
गलती-सही, भूल-चूक क्षमा करब जा सभे 🙏🙏🙏
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बाबा हो कहां चलि गईला
हमनी के त छोड़ि दिहला।
हमनी के बड़ भगिया रहल
इज्जतिया बचवले रहला।
नक्सलियन के काल रहला
हमनी के पूरा संसार रहला।
बाबा हो !बरमेश्वरनाथ रहला
हमनी खातिर भगवान रहला।
तूंहंई त शेर व दिलेर रहला
हमनी के पूरा अंजोर रहला।
जब तक जियत रहला तब
किसानन के परान रहला।
जे भी ज़ोर जुल्म करत रहे
ओकरा खातिर काल रहला।
बाबा हो जबसे छोड़ि गईला
दुश्मन आजाद भई गईलन ।
बाबा बरमेश्वरनाथ!के कृपा!!
एकबेर फिर से आई जईता ।
बढ़ल जाता फिरू अत्याचार
मिटावेके रहिया देखा जईता।
हियरा छछनेला तोहरे बिना
फिर से एकबेर आई जईता।
बाबा हो ब्रह्मेश्वर मुखिया जी
हमनी खातिर भगवान रहला।
एगो अवतार में परशुराम जी
दूजा"अकेला"अवतार रहला।
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राम बहादुर राय "अकेला"
भरौली, बलिया, उत्तरप्रदेश
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