भरोसा कायम रहे---
भरोसा कायम रहे---
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ख्वाब जिनके ऊंचे और मस्त होंगे
उनके परीक्षण भी जबरदस्त होंगे।
दुश्मन हर तरफ नहीं कोई दोस्त होंगे
धोखा खाते खाते वह अभ्यस्त होंगे।
सामने कोई ठहरता नहीं है कभी भी
षड़यंत्र में शकुनि और दुर्योधन होंगे।
यदि स्वयं पे विश्वास हो कुछ करने का
सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाने होंगे।
फिर साथ तुम्हारे केशव भी जरूर होंगे
झुण्ड में तो सिर्फ गीदड़ चला करते हैं।
लक्ष्य भेदने वाले"अकेला"अर्जुन ही होंगे
जिधर देखो अब उधर दु:शासन ही होंगे।
जैसा कर्म होगा परिणाम भी वैसे ही होंगे
यदि सिंहों से पंगा लेने की जुर्रत करोगे।
तो फिर उसके परिणाम भुगतने ही होंगे
ख्वाब ऊंचे मस्त यदि देखने हैं पाने हैं तो।
कठोर योग हमें तो अवश्य ही करने होंगे
अन्यथा परिणाम हक में शायद नहीं होंगे।
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राम बहादुर राय "अकेला"
भरौली नरहीं बलिया उत्तरप्रदेश
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