परिचय एक नज़र में:-

नाम:-राम बहादुर राय
पिता:-श्री रामायण राय
माता:-श्रीमती मालती देवी
पत्नी:-श्रीमती आराधना राय (मनोविज्ञान में शोधार्थी)
जन्म:-मजदूर दिवस 01 मई।
कार्य-स्वतंत्र पत्रकारिता, कविता, कहानी, निबन्ध लेखन
भूतपूर्व मानवाधिकार कार्यकर्ता (डिप्युटी चीफ़ सेक्रेटरी बलिया-एजुकेशन-अन्तर राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन),
                               शिक्षक
शिक्षा-दीक्षा :- शिक्षा तो नाममात्र की है पढ़ नहीं पाया अभावग्रस्त था फिर भी कुछ है ---
एम.ए.:- हिन्दी साहित्य, इतिहास
                         और
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मानवाधिकार और कर्तव्य,(PGDHR& Duties)
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन,(PGDJMC)
                        बी.एड.(B.Ed.)
पता:-ग्राम व पोस्ट -भरौली,थाना-नरहीं
जनपद-बलिया, उत्तर प्रदेश,
पिन कोड-277501
सीमांत कृषक पिताजी का खेती में हाथ बंटाने का कार्य शुरूवात में करता रहा लेकिन अभावग्रस्त और किसी का किसी तरह का सहयोग नहीं मिलने की वजह से मेरे रिश्ते में बड़े पिता डॉ श्री विवेकी राय जी को देखकर मन में ललक जगी कुछ कर जाने की तो मेरे घर के नजदीक ही मेरे परम मित्र डॉ विजय शंकर वर्मा (प्रोफेसर ऐंड हेड आफ डिपार्टमेंट मैथेमेटिक्स, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में पोस्टेड परम विद्वान) के सानिध्य में रहते हुए पढ़ा
मेरे आदर्श-  इस दुनिया से दूर दूसरी दुनिया में रहने वाले प्रखर बुद्धि, विवेक और विविध कलाओं में पारंगत मेरे बाबा स्वर्गीय बसाऊ राय जी मेरे लिए ईश्वर तुल्य थे दुनिया में यदि कोई निस्वार्थ भाव से रहने वाला सत्यवादी हरिश्चंद्र है तो वह मेरे परम पूज्य पिताजी श्री रामायण राय एवं ममतामई मई मां श्रीमती मालती देवी जी हैं।
प्रमुख कृतियां:-1-साझा काव्य संकलन विविध प्रकाशनों द्वारा
                      लगभग 29
                      2-साझा ई काव्य संग्रह 03
                      3- निबंध संग्रह और कहानी का साझा
                          02
                      4- विभिन्न सम्मान पत्र प्राप्त
सम्प्रति-विभिन्न पत्रिकाओं में भोजपुरी, हिन्दी में कविताएं, निबंध इत्यादि प्रकाशित।
            हिन्दी साहित्य की पत्रिका लहक का पूर्व ब्यूरो चीफ़
            जनपद बलिया।
हिन्दी साहित्य के नामचीन विद्वान मेरे गुरु डॉ श्री विवेक शंकर सर जी का विशेष कृपा पात्र हूं क्योंकि उनकी बहुत सी पुस्तकें हैं जिसमें मेरा नाम उन्होंने दिया है।




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