भोजपुरी के मान्यता देबेके परी!!!
भोजपुरी के मान्यता देबेके परी !!!
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भोजपुरी भाषा के मति ठेठावा हो
भोजपुरिये पर आवेके परी!
अपने में अलग-विलग न करावा हो
अंत में अपने पर आवेके परी!
चाहे बोलिहा हिन्दी चाहे अंग्रेजी हो
भोजपुरी के अपनावे के परी!
केहूवे कंहवा कबीर ,सूर होता हो
ई सब के अपनावे के परी!
भाषा भोजपुरी हई अपन माई हो
माई के कइसहूं लियावेके परी!
मान्यता त कवनो सरकार देई हो
सबका एकसंगे आवेके परी!
माई के होखेले कई गो ललनवा हो
माई अस दुलार देबेके परी!
अपने भाई-बहिनी सबकोई बाटे हो
सबके गरवा लगावे के परी!
भोजपुरी के मान्यता भी मिली हो
सरकार के घुटना टेके के परी!
जग में भरल सगरो भोजपुरिया हो
एकबेर सबके जगावे के परी!
चाहे कवनो बाटे केहूके धरमवा हो
भोजपुरी भाषा बोले के परी!
अपन-अपन सवारथ के छोड़ द हो
भोजपुरी खातिर लड़ेके परी!
तीर-तलवार,गोली के काम नइखे हो
हमनी के आगे गोली का करी!
जइसे कुंवर मंगल लड़ाई लड़लें हो
सबके कुंवर,मंगल बने के परी!
एकबेर करो या मरो के नारा रहे हो
भोजपुरी खातिर उहे करे के परी!
सन् सैंतालीस में आजादी मिलल हो
भोजपुरी के आजादी देबेके परी!
सन् चौबीस में लोकसभा चुनवुवा हो
सड़क से सदन तक चलेके परी!
भोजपुरी के मान्यता देईं ए सरकार
कितबियो हमार पढ़े के परी!
अब नाहीं सिहुर-सिहुर,मेऊं होई हो
सोटा-लंगोटा कसहीं के परी!!!
बहुत भईल निहोरा अब ना होई हो
भगत,आजाद बनहीं के परी!!!
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
मोबाइल नं -९१०२३३१५१४
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