तब अउरी मेहरी के पढावा

तब अउरी खूबे मेहरी के पढ़ावा!!!
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अपने कमइला से सुख नाहीं पवला
जिनिगी में संतोष नाहीं तूंहूं कइला।

सब कुछ तेजिके मेहरारू पढ़वला
भाई-बहिनी के तूंहूंव ना पढ़ा पइला।

अपनहूं मोटिया- मरकिन पहिनला
करजा पर अउरी करजा तूं लिहला।

गांव-जवार छोड़िका प्रयाग में रहला
मेहरारू के पढ़ाके S.D.M बनइला।

रहला सफाई कर्मचारी नीके कइला
एतना नेह-छोह तूं उनका से कइला।

बदला ओकरा बताव का तूंहूंवू पवला
सोशल मीडिया में वायरल तूं भइला।

अब रोई-रोई बुरा हाल अपन कइला
काहें के मेहरी के पढ़ाई पर उतरइला।

दुनिया के सामने का ई का तूं कइला
अपन मेहरी-बच्चन से भी दूर भइला।

अब तूं फेरू मनोज तिवारी के गावल
लागल बा शहर के हवा फेरू सुनइला।

कवनो जतन अभियो से जरुर कर ला
काहें ना सरकार से गोहार तूं लगइला।

बड़का अधिकारी बनावे में का पवला
कुछ इज्जत-आबरू रहे उहो गंवइला।
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश

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