उड़ान तय करेगा आसमां किसका है

उड़ान तय करेगा आसमां किसका है
---------------------------------------------
वसीयतें अपने नाम करवा लो
क्या फ़र्क पड़ता है??
यह तो उड़ान से ही तय होगा कि
आसमां किसका है।
किसी की प्रतिभा से क्यों डरना
ये ईश्वर की कृपा है।
धन-दौलत से सब कुछ नहीं होता
जज्बा,जूनून चाहिए।
समंदर में रहकर तरसते पानी को
छोटे पात्र काम आते हैं
जो चलता है वह जलता, तपता है
वही चमकता भी है।
महलों में बैठ,कारों में चलने वाले
क्या जाने साहित्य ??
पैसों और शोहरत के बल पर तो
सिर्फ मंच पा सकते हैं।
वसीयतें प्रतिभा बिगाड़ सकती हैं
निखार नहीं सकती हैं।
बड़े ओहदे वाले शोहदों का क्या?
किसी को ख़रीद लेते हैं।
चाहे कितना भी ऐश कर सकते हैं
रंगीला शाह ही बनते हैं।
मंडेला,गांधी सुभाष, भगत सिंह....
वसीयतें नहीं बनाती हैं।
हवा के रुख के विरुद्ध जो चला है
इतिहास उसी का बना है।
वरना दिनकर,नामवर जी को देखो
है उनके घर कोई वैसा??
नहीं हो सकता धन दौलत के बल
खानों में ही हीरे होते हैं।
वसीयतों के ढेर पर मैडम क्यूरी तो
कदापि न हो सकते हैं।
रेडियम जैसी चमक पाने के लिए
चमक से दूर होना होता है
वसीयतें आराम की जिंदगी देती हैं
आजाद नहीं बना सकती हैं।
   ------------
रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
9102331513

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान