भोला बसेलन बड़ी दूर

भोला बसेलन बड़ी दूर!!
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भोला-भाला,भोला बसेलन
गंवुआं-शहरिया से दूर!

दानी-महादानी,अवघडदानी
सबकर करेलें दुखवा दूर!

पहाड-झाड़ झंखाड़ में रहसु
भूत-पिशाच रहें भरपूर!

जटा-जूट पर सोहेले चन्द्रमा
चमक ललाट जइसे नूर!

माथे बइठल बाड़ी गंगा जी
सबकर पाप करेली दूर!

सांप-बिच्छू,प्रेत संगे रहेलेन
बंसहा बैल रहेले जरुर!

नन्दी की सवारी शिव करेलें
भुजंगन के संग भरपूर!

भस्म-भभूत,छाल-मृगछाल
नीलकंठ देव में मशहूर!

आदि-अन्त, महादेव अनन्त
ज़हर पियले बिन कसूर!

धरें ना ध्यान भक्त के वरदान
देव-दानव के देलें जरुर!

ज्ञान के भंडार, शिव नटराज
अभय दानी हवें मशहूर!

गौरापति त्यागी, त्रिशूलधारी
डमरू बजावेलें जरूर!

नन्दी-भैरो शिव के साथ रहें
दीनन के करें दुख दूर!
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश

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