चलिंजा शिव के नगरिया!!!
चलिंजा शिव के नगरिया
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अभियो ले चला हो संवरिया
कंन्हिया पर लेइके कंवरिया!
सावन-सावन दूईगो लागल
भोले बाबा संग प्रीत लागल!
बोल बम बाटे सगरो बाजल
भोरे भक्तन के मेला लागल!
अभियो ले चला हो संवरिया
भोला बोलावताड़न दुवरिया!
रिम-झिम बरिसेले बदरिया
बेलपत्र बिहंसे चारो ओरिया!
भांग-धतूर से भरल नगरिया
जल लेके चला अब डगरिया!
हर -हर महादेव गूंजे लागल
घरे रहा चाहे कवनो ओरिया!
अभियो ले चला हो संवरिया
कंन्हिया पर लेइके कंवरिया!
हर साल रहे चारे सोमरिया
अबकी आठ गो संविरिया!
अगर तूंहूंव सावन में जइबा
भोले महादेव के नगरिया!
होइ जाई मंशा पूरन तोहरे
खोलि दिहें अपन नजरिया!
अबो ले धियान धरा तुहवूं
जिनिगी बनि जाई संवरिया!
ना चाहीं सोना-चानी हमके
मति गढ़इहा हमके नथुनिया!
कुछवू कइके कांवर उठावा
चलिंजा शिव के सरनियां!
बाबा अवघड़ दानी हंवुवन
सबकर हरेलन विपतिया!
सावन ह शिवके शुभ दिनवा
चलिंजा शिव के नगरिया!
जलवा भरिके चलल जाई
हम तैयार बानी संवरिया!
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया, उत्तरप्रदेश
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