याद आवे लरिकइयां
याद आवे लरिकइयां
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बड़ा याद आवेला
बचपन के दिनवा
कागज के नइया
झिझिरी खेलइया
बड़ा याद आवेला
बचपन के दिनवा
उ पइसा चोरावल
गायब दिन भरवा
खूब खेलत रहिंजा
चकवा चकइया
अउरी हम तूं भइया
झोरा पटरी लेइके
खेलिंजा लटूइया
तास,गोली अउरी
चोरवा सिपहिया
लड़िंजा अपने में
तबो रहिंजा संगिया
बड़ा याद आवेला
बचपन के बतिया
कानी-कुट्टी होईंजा
फेर खेलिंजा संगिया
अब नाहीं होखतबा
पहिले अस बतिया
मन पछिताला अब
सुनिके प्यारी बतिया
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
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