आप ही अब मुझे हौसला दीजिए
आप ही अब मुझे हौसला दीजिए
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मुझे इस तरह न सजा दीजिए
पहलू में अपने छुपा लीजिए!
आखिर मैंने क्या गुनाह किया
कम से कम मुझे बता दीजिए!
जिंदगी में तो बहुत मुश्किलें हैं
हंस कर मुझे हौसला दीजिए!
तिरछी नजरें तो चला दीजिए
मेरे दर्दे गम को बढ़ा दीजिए!
मेरी तरफ देख मुस्कुरा दीजिए
मेरी उम्र को यूं ही बढ़ा दीजिए!
एक उफनती हुई छुद्र नदी को
बड़े समन्दर में मिला दीजिए!
एक प्यासे को पानी पिला दीजिए
बेमौत मरने से उसे बचा लीजिए!
कत्ल के इल्जाम तो मत लीजिए
मुझे अपने से अब न जुदा कीजिए!
लेकिन जब अपने से जुदा कीजिए
एकबार मुझसे से मशविरा लीजिए!
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स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया, उत्तर प्रदेश
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