पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी को सादर नमन
राम बहादुर राय :-भरौली ( बलिया):-बागी बलिया के महान सपूत को पुण्य तिथि पर सादर नमन है......
बागी बलिया है इस देश की शान
पैदा होते रहते हैं यहां वीर महान।
जब देश में हो रहा था घमासान
युवा तुर्क ने तब संभाली कमान।
सब दुबके थे घरों में इमरजेंसी में
युवा तुर्क ने किया खुला विरोध।
कभी नहीं सौदा किया किसी से
इन्होंने पद हेतु नहीं बेचा सम्मान
मैं चमन में जहां भी रहूं मेरा...
हक़ है तो सिर्फ़ फ़सले बहार पर।
कुछ वक्त कांटों का ताज मिला
फिर भी ज्वलंत मुद्दा सुलझाया।
हवा के रुख पर तो सब चलते हैं
विपरीत चलके आइना दिखाया।
आरक्षण की लपटों में घिरे थे हम
पी.एम. बनते ही मुद्दा सुलझाया।
बागी बलिया का मस्तक ऊंचा था
कुर्सी छोड़ फिर से बढ़ाया मान।
जाति -धर्म का भेद नहीं करते थे
छोटे-बड़े सबके लिए एकसमान।
अन्ततः पर धाम को गया सपूत
अपने परिवार का नहीं रखा ध्यान।
अब तो उनका अक्स दिखने लगा
श्री नीरज जी सुलझे हुए इन्सान।
श्री चन्द्रशेखर जी के बाद आस है
नीरज जी अब हैं बलिया की शान।
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रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
भरौली, बलिया, उत्तरप्रदेश
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया, उत्तरप्रदेश
नं-9102331513
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