कवियों की मर्यादा
कवियों की मर्यादा-
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कवियों की भी एक मर्यादा है
देशभक्ति का ही इरादा है।
गीत , ग़ज़लों , नज़्मों से तो है
पर दिलों से भी नाता है।
लेकिन जुबां खोलने से पहले
राष्ट्र ही प्रथम मर्यादा है।
याद रहे ! दफ़न होगा यही पर
या कहीं और ठिकाना है???
जाति-धर्म अलग-अलग होगा
पर राष्ट्र हित ही प्यारा है
नाम और शोहरत पाने के लिए
राष्ट्र धर्म ध्यान रखना है
इस देश ने इतना सम्मान दिया
कवि का भी कर्तव्य है
चन्द ओछी बातों को लिखकर
सिर्फ़ टीआरपी बढाना है
वह कवि लेखक का क्या मान?
देश का नहीं करे सम्मान
सारे गीत-ग़ज़ल बेकार समझो
जिसमें राष्ट्र सम्मान नही है
देश की रक्षा इन दो के हाथ है
राष्ट्र हित में ही चलाना है
नाम ,शोहरत पाने के चक्कर में
देशहित में ही लिखना
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@राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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