धियान तूहूं दिहल करऽ
धियान तूहूं दिहल करऽ!
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मां भारती के ललनवा हो
खतरा में परल बा वतनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
सीमा पर लड़ें जवनवा हो
घरवो में बाड़न दुशुमनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
पइसे प लोगवा बेचाता हो
मेटावेला धरोहर निसनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
मां भारती के ललनवा हो
खतरा में परल बा वतनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
धरम से लड़ावल जाता हो
बिगड़ता देश के विधानवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
अपने में भेदभाव होता हो
बचावे के बा संविधानवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
चीन-पाक मिलल बाड़ें हो
धोखा से हतेला जानवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
केतना भइले कुरबान हो
देश खातिर दिहले जानवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
भइले अनाथ ललनवा हो
चढ़ावा सरधा के सुमनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
मां भारती के ललनवा हो
खतरे में परल बा वतनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
हिमालय बाड़ें पहरुआ हो
पंवुआ पखारेलन सगरवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
रक्षा में बाड़न जवनवा हो
उहे बाड़े असली ललनवा
उनके इज्जत कइल करऽ!
मां भारती के ललनवा हो
खतरे में परल बा वतनवा
धियान तूहूं दिहल कराऽ!
भारत पहिले वाला नइखे हो
बा आधुनिक अस्त्र शस्त्रवा
अब नाहीं तूहूं छेड़ल करऽ!
मां भारती के ललनवा हो
खतरे में परल बा वतनवा
धियान तूहूं दिहल करऽ!
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
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