अब रणभेरी बजबे करी

अब रणभेरी बजबे करी!!!
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हे भोजपुरी भाषा के श्रीमन!
भोजपुरी क्षेत्र के भाषा भाषी।

अब रावुरो भाषा भोजपुरी हऽ
पीड़ा में रहत बाड़ी उ उदासी।

भोजपुरिया जनप्रतिनिधि लोग
तोहरे क्षेत्रन के सब बाटे वासी।

भोजपुरी के मान्यता के बात
सदन में काहें ना होई काशी।

लाखन भैया लोग लागल बा
तबो भोजपुरी बा उलटबांसी।

याद करऽ मंगल, चित्तू पांडेय
खांटी भोजपुरी रहलन भाषी।

गोरन के सूरज अस्त ना होखे
धो दिहली एकही रानी झांसी।

हम भोजपुरियन के  समझऽ 
ना डरी जेल होई  चाहे फांसी। 

सन्  2024  बाटे सीमा  रेखा 
हम कहतानी भोजपुरी वासी। 

चांद पर जब पहुंच गइनीं सऽ
ओहूमें बाड़न भोजपुरी भाषी। 

जब जम्मू  से 370 हट गइल 
भोजपुरी में का झांसा-झांसी।
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रचना स्वरचित अउरी मौलिक 
@सर्वाधिकार सुरक्षित। ।
राम बहादुर राय 
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश

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