नीमन करबऽ त नीमन पइबऽ

नीमन करऽ नीमन पइबऽ
--------------------------------
अबहीं तूहूं जवान बाड़ऽ
कहियो तूहूं बूढ़ा जइबऽ।

आज शेखी बघारत बाड़ऽ
एक दिन तूहूं जुड़ा जइबऽ।

दू बैंड क रेडियो पा जइबऽ
तूहूं अइंठल भुला जइबऽ।

केतनो तिसमारखां होखबऽ
भींजल बिलार होई जइबऽ।

गांती बन्हबऽ ,लार पोछबऽ
जवन बाड़ऽ ना रहि पइबऽ।

कहतानी भरम मत पलिहऽ
विधान नाहीं बदलि पइबऽ।

जवने-जवन कईल करबऽ
एकदिन उहे तूहंवू पइबऽ।

अगर कुछवू करहीं के बाटे
नीमन करऽ नीमने पइबऽ।
      ---------------
रचना स्वरचित,मौलिक 
@सर्वाधिकार सुरक्षित। ।
राम बहादुर राय 
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान