उपर से प्रेम भीतर से नफ़रत बा

उपर से प्रेम भीतर नफ़रत बा
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अदिमी के गजब के फितरत बा
उपर से प्रेम भीतर नफ़रत बा।

उनके हालत मशरूम नियन बा
खाये के बा , मशरूम कहत बा।

काम नइखे कुकुरमुत्ता कहत बा
जब फायदा त नीमन कहत बा।

जब काम बा तबे उ महान बा
नइखे काम त खराब कहत बा।

काम होते शेखी बघारत बा
मोका पर सबसे काम लेत बा।

सिर्फ अदिमिये एगो बुद्धिमान बा
बुद्धि से दोहरा चरित्र जियत बा।

अदिमी समूह में  कुछ  रहत बा
अकेल  होत  दोसर  हो जात बा।

अपना  बल  केहू आगे बढ़त बा
हार  के   डरे   जाति  देखत  बा।

जब गायक  नीक  ना  पावत बा
फिर   भजन  सुनावे  लागत  बा।

त  आदमी ना  समझ  पावत बा
दूसरा   के   बनल  बिगारत  बा।
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राम बहादुर राय 
भरौली, नरहीं,बलिया, उत्तरप्रदेश

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