अपने दुश्मन बरियार हो गइल

आपने दुश्मन बरियार हो गइल!!!
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चलऽ उठऽ अब बिहान हो गइल
जे आपन रहल उ आन हो गइल।

बूझलऽ मुर्गा बोली त बिहान होई
सूतले रह गइलऽ हो गइल बिहान।

नेकिये करे में जिनिगी बीत गइल
सूद त सूद सब मूरवो चलि गइल।

सबकर काम तूं बनवलहीं बाड़ऽ
जे भी कुछो मांगल दिहले बाड़ऽ।

ढ़ेर नीमनो भइल काल हो गइल
उ तोहरे खातिर सवाल हो गइल।

सुनले बानी नीक के नीके होला
नीमन कइनी बुरा हाल हो गइल।

का कहीं हमरा से नेकिये भइल
जे हमसे से मिलल गुरूवे भइल।

जब-जब हमरो काम अंझुराइल
हर गांठन में सब अपने बुझाइल।

वकत पर दुश्मने हमार हो गइल
आपने दुश्मन,बरियार हो गइल। 
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रचना स्वरचित,मौलिक 
@सर्वाधिकार सुरक्षित। ।
राम बहादुर राय 
बलिया,उत्तर प्रदेश 
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