उङे लागल रंग अउरी गुलाल
उड़े लागल रंग अउरी गुलाल
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उड़े लागल रंग अउरी गुलाल
फागुन में फगुवा गावे गोरिया!
आमवा के मोजरा मोजराइल
ओहि में भंवर बाटे घोरियाइल!
कोइलरि के गाल भइल लाल
महुओ के चढ़ल बा जवनिया!
हंसत खेलत खेले सब रंगवा
सब रंग से रंगात रहल मनवा!
बन्हल पिरितिया डाले-डाल
अंगना में बरिसल सनेहिया!
सबकर मन के मइल धोवाव
हुलसल मनवा भइल पोलाव!
उड़े लागल रंग अउरी गुलाल
फागुन में फगुवा गावे गोरिया!
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रचना स्वरचित,मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित। ।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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