आखिर बड़ा आदमी कौन???
आखिर बड़ा आदमी है कौन??
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बड़ा आदमी बनने की सबमें यहां होड़ मची हुई है।
आखिर बड़ा आदमी है कौन ,क्या होता है मानदंड।
क्या पैसे से बड़ा होता है या ओहदे से बड़ा होता है।
नहीं साहब !! दिलो-दिमाग से बड़ा होता है आदमी।
सब कुछ होने से बड़ा नहीं होता,सबके पास कुछ है
लेकिन बड़ा आदमी वह होगा जो बड़ा लगे ही नहीं।
बड़े होने का आभास किसी को होने ही नहीं देता है
क्या छोटा क्या बड़ा होता है इससे इत्तेफाक न रखे।
दुख-सुख में सबके साथ रहे,अभिमान नहीं करता है
मौसम की तरह व्यवहार न बदले,सदाबहार रहता है।
हर परिस्थिति,हर समाज में रहता,भेद नहीं करता है
किसी की कमी का एहसास नहीं होने दे वही बड़ा है।
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रचना स्वरचित एवं मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित।।
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
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