तुम्ही से उर्जस्वित हम

तुम्ही से उर्जस्वित हम
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तुझे देखकर खुश होते हैं
तुम खुश रहो हर रोज
जितना ही भागोगे हमसे
नहीं है मेरा जोड़!

तुझे चाहने वाले होंगे
मुझे है तेरा रोग
चांद-सितारे तोड़ लायेंगे
देंगे विपत्ति में छोड़!

जब किसी की होगी जरूरत
मिलेंगे हम हर रोज
अभी समझ नहीं पाओगे
जीवन में बहुत मोड़!

कभी भी मुझे देखोगे तुम
हर जगह मिलेंगे हम
मेरा प्रेम कोरा कागज है
तुम्ही पर देंगे छोड़!

आरजू है तुम समझो मुझे
तुम्ही से उर्जस्वित हम
सिर्फ तुम्हारे भरोसे हूं मैं
मुझे दो कोई मोड़!!
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@राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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