सब केहू अपने से भइल लाचार बा

सब केहू अपने से भइल लाचार बा
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सब केहू अपने से भइल लाचार बा
दूसरा के देखि देखि दुखी अपार बा।

सब लड़िकन के मोबाइले आधार बा
करे कुछ नाहीं ,आदत से लाचार बा।

पढ़े-लिखे खाती घर से भेजल बाड़न
फेसबुक ,इंस्टा,वाटसप देखत बाड़न।

पढ़े के नाम पर आनलाइन पढ़त बा
दिनो-राती धुंआधार चैटिंग करत बा।

मांई बाप कर्जा काढ़ि खर्चा भेजेला
एक-एक .दिन उनके आस में रहेला।

बबुवा खूब महंगा कपड़ा पहिरतबा
रायल इन्फील्ड से सहरिया घूमतबा।

कबो होटल, कबो यारे केहें खालन
भोजपुरी जानसु ,अंग्रेजी झारेलन।

सांगह भुलाई के मटरगस्ती होत बा
कई-कई गो  लड़की फ्रेंड बनवले बा।

उपर से  चूमचाम भीतर  से दराजल
बोले  जइसे असाढ़  के बूनी बाजल। 

माई-बाप से धोखा छुप के करत बा
माई बाप भरोसा  के आस करत बा।

अन्त में लवटि के ओही गंवुए अइहें 
बांचल भरोसा खूबे बइठि के खइहें।
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@राम बहादुर राय 
भरोली,बलिया,उत्तर प्रदेश 
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