जियते मुवे के मोहाल कइलऽ बलमू
जियते,मुवे के मोहाल कइलऽ बलमू
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कवना डगरिया हेराई गइलऽ बलमू
हमके छोड़ि के पराई गइलऽ बलमू!
दिन-रात तोहरो सेवा हमहूं कइनी
आपनो जिनिगी तोहार हमहूं कइनी!
कवना बृछिया लुकाई गइलऽ बलमू
संवसे जिनिगीअन्हार कइलऽ बलमू!
तोहारा के अपना हियरा में रखनी
सोनवो से बढ़िके तोहके हम जननीं!
जियहूं के आसरा छिन लेलऽ बलमू
जियते देहिंया मराछ कइलऽ बलमू!
कवने जनमवा के पाप हमके लागल
हमरे जिनिगी हमरे के छोड़ी भागल!
रहनीं बिहाने ,अन्हार कइलऽ बलमू
जियते,मुवे क मोहाल कइलऽ बलमू!
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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