बड़ा होने के लिए बड़ा जिगर रख

बड़ा होने के लिए बड़ा जिगर रख।
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बड़ा होने के लिए बड़ा जिगर रख
बड़े तो बर्दाश्त करते हैं, तूं भी कर।

तूं मदद करने का भी हौसला रख
किसी को गिराओ नहीं,उठाया कर।

जलने वालों की तादाद बहुत है
जिसको जलता देखना,बचाया कर।

नेकी कर लेकिन फूंक के कदम रख
अपने व गैरौं में भेद समझा कर।

फल लगे तो डालियां झुक जाती हैं
बड़े हो पेंड़ जैसे झुक जाया कर।

मदद करके किसी से उमीद मत रख
मालिक देखता है ,तूं भरोसा कर।

सोना हो तो जिगर फौलाद का रख
बड़ा होना के लिए कुछ कुर्बान कर।

बड़ा होने के लिए बड़ा जिगर रख
बड़े तो बर्दाश्त करते हैं ,तूं भी कर।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश

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