डग डग घूमेला बेरोजगार हो

डग - डग घूमेला बेरोजगार हो!
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नया रंग में सभे बाटे रंगाइल
सभे केहू अपने बा में भुलाइल।

डग - डग घूमेला बेरोजगार हो
नोकरी के फारमो नाहीं आइल।

एगो दूगो फारम रहे भराइल
परचा ओहू के लीक होई गइल।
झरे पाके लागल हमरो बार हो
लागताटे बुढ़ापा हमरो आइल।

बाबू-माई करजा में गोताइल
एकहू तीलकहरू नाहीं आइल।

हीत-मीत टोला परोसा हंसता
पढ़हीं में खेतो इनकर बेचाइल।

पढ़-लिख के का तूंहूंवूं करबऽ
पद चाहे पइसा नाहीं भेंटाइल।

हाय पइसे के नसा बा धराइल
के आपन के दूसर ना बुझाइल

रोजी रोजगार के टोटा बाटे
मन मोरा बाटे खूबे अकुताइल।

केसे कहीं कुछ सूझते नइखे हो
बिना नोकरी कामवे गड़बड़ाइल।

उपरा से मंहगाई भइल डाइन
बेरोजगारी से सब तड़फड़ाइल।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश

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