रंग बदल सकते हैं तासीर नहीं

रंग बदल सकते हैं, तासीर नहीं
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शक्ल से बड़े खूबसूरत दिखते हैं
अक्ल से तो पानी भरते देखे हैं।

अहं और वहं दोनों ही गलत है
मगर इसे ही बढ़ते हुए देखे हैं।

पुरखों की थाती बचाने के लिए
त्याग करते भी बहुतों को देखे हैं।

जैसे कुम्हार को मिट्टी के साथ
प्यार से उसे पात्र बनाते देखे हैं।

सारी नदियां समंदर में मिलती हैं
समंदर बेचने वाले भी देखे हैं।

वज़न के हिसाब से रहना चाहिए
वजन से उपर बोझ बनते देखे हैं।

रंग बदल सकते हैं, तासीर नहीं
कोयल जैसे कौवे भी देखे हैं।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश

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