सब केहू अपने में अंझुराइल बा
अपने में सब केहू अंझुराइल बा
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कईसन समय अब ई आइल बा
अपने में सभ अंझुराइल बा।
हित हो गइले, हितवे के दुसुमन
दुसुमन से मिले के धधाइल बा।
घरवे में होखे खूबे चोरिका
घरे में लागल , घरवे फोरिका।
खूबे अन्न-धन से फंफाइल बा
तबो त लूटहीं में खखाइल बा।
अपना घरवा के हाल ना पूछे
दूसरा के घरे जासु ना छूछे।
साढ़ू - साली से घेराइल बा
साली के देखिके उतराइल बा।
आपन माई-बाप पहिरे फटहा
पूछऽ त लागे चला दी झटहा।
देखला पर लागत घबराइल बा
जईसे सुख गिरवी धराइल बा।
कुछवू पूछऽ कुछ ना बोलेलन
लेबहीं खाति मुंहवो खोलेलन।
गजबे दलिद्रपाना समाइल बा
लूटहीं खातिर अंउजाइल बा।
कईसन समय अब आइल बा
अपने में सब....................
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
#highlightseveryone
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