सच में वही अमीर है,जिंदा जिसका जमीर
सच में वही अमीर है, जिंदा जिसका जमीर
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तृप्त करो तृष्णा मेरी , हर लो मेरी पीर
पानी पानी हो गये , पानी मिला न तीर।
उपर से दिखाते प्यार ,मन में रखते रार
देते नहीं साथ कभी , नफरत के भंडार।
सुखी तुमको रहना है ,बांटो जग में प्यार
प्यारा यह संसार है , खूब करो तुम प्यार।
मुख मलीन करते नहीं, मन से रहें कुलीन
जो हृदय से है कुलीन , होते नहीं मलीन।
भाव स्वभाव साफ हो, रखो नहीं मनभेद
साफ मन से काम करो, चाहे हो मतभेद।
नहीं गरीब है कोई , नहीं कोई अमीर
सच में वही अमीर है जिसका जिन्दा जमीर।
करते बात आदर्श की , हांकते लम्बी डींग
हंसी उड़ाते सबकी ,खुद गदहे की सींग।
राम बहादुर जानिए , सब हैं एक समान
सम्मान नहीं कर सकते,मत करना अपमान।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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