बड़ा नीक लागे संइया के सुरतिया
बड़ा नीक लागे संइया के सुरतिया
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बड़ा नीक लागे सइयां के सुरतिया
तनिको बुझाला नाहीं दिनवा रतिया।
काम करीं खूब तबो नाहीं थाकिले
तोहरे नीनी सुतिले अउर जागिले।
बड़ा नीक लागे.......................
तोहरा के निरखिले दिने दुपहरिया
हटे नाहीं पल भर तोहसे नजरिया।
तोहरे खातिर बहुत बरत हम कइनी
बिसनु जी के कृपा से तोहके पइनी।
बड़ा नीक लागे..........................
तोहरा बिनु जिनगी रहे खूंख पइया
खुसी के रंग भरि दिहलऽ ए संइया।
दिन हऽ कि रात कुछवू ना बुझाला
तोहरा आगे कुछू नीको ना बुझाला।
बड़ा नीक लागे........................
हमरा के देखवलऽ प्रेम के दुवरिया
ना त घूमत रहितीं बन के पंवरिया।
जिनगी बनवलऽ स्वर्ग हो संहतिया
सुतलो में देखिला तोहरी सुरतिया।
बड़ा नीक लागे संइया के सुरतिया
हटे नाहीं पल भर तोहसे नजरिया।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
#भोजपुरी
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