सुनले बानी ए माई रवुरी मयरिया!
सुनले बानी ए माई रवुरी मयरिया!
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आइल बानी ए माई रवुरी दुवरिया
छपले बा हमरे के सगरी अन्हरिया!
पूछे ना हमरा के गंवुआ नगरिया
माथवा नववले बानी रवुरी दुवरिया!
बीच भंवर में मोर फंसल बे नइया
हमरा रोवला से गिरे बन के पतइया!
बिगरल बाटे ए माई हमरी समइया
तोहरे सिवा नाहीं कवनो खेवइया!
हमरो उठावऽ माई ,गिरली पगरिया
देखि-देखि हंसेला गंवुआ नगरिया!
अपने भगतवा के हो जइतू सहइया
घात लगा के बाटे बइठल मुदइया!
लउकत नइखे कौनो दूसरो रहतिया
पूछे नाहीं कवनो साथी संहतिया!
सुनले बानी ए माई रवुरी मयरिया
कृपा करेलू , केहू आवेला दुवरिया!
थाकि हारि के देखिले रवुरी रहतिया
कृपा करिके काटऽ हमरी बिपतिया!
दिहऽ आसीस दूर करे के बिपतिया
तोहके चढ़इबे माई नरियर चुनरिया!
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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#भोजपुरी
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