उहे होई गांव भोजपुरिया
उहे होई गांव भोजपुरिया!
----------------------------------
जहंवा करे कल-कल नदिया
लह-लह करे खूबे फसलिया
जहंवा लोढ़े फूल मलिनिया
बरिसे जहंवा नेह बदरिया
उहे होई गांव भोजपुरिया!
जहां कोइल गावे मधुर गान
होखे प्रीत के जहां दोकान
संगे बइठे हिन्दू-मुसलमान
जहंवा कुकुरो चलेला उतान
उहे होई गांव भोजपुरिया!
पहिले होखे समहुत नेवान
खेल के होखे लमहर मैदान
धरम के मंदिर होखे पहचान
कहीं बाजे घंटा, कहीं अजान
उहे होई गांव भोजपुरिया!
घरे के होखे सतुआ पिसान
लिपाला गोबर से खरिहान
पिपर पतई में बसे भगवान
रखे पशु-पक्षी के सब धियान
उहे होई गांव भोजपुरिया!
जहां गांव में बसे हिन्दुस्तान
माई-बाप में लउके भगवान
उचरे कवुआ ओरी-दालान
केहू से केहू नइखे अनजान
उहे होई गांव भोजपुरिया!
दोस्त-दुसुमन के बा पहचान
केहू ना लागेला अनजान
ना होखे वृद्धाश्रम के निशान
जहंवा दिल के सब धनवान
उहे होई भोजपुरिया गांव!
जेकर नइखे कवनो पहचान
ओकर भी होखे मान-सम्मान
राम बहादुर के गांव बा जान
गांव के बचावऽ ए भगवान
तबे बांची भोजपुरिया गांव!
---------------------
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश।
#highlight
#भोजपुरी
Comments
Post a Comment