हो साली जब साथ में,मन पुलकित हो जाय!

हो साली जब साथ में, मन पुलकित हो जाय।
----------------------------------------‐--------------
#चकल्लस
--------------
पत्नी और साली खड़ी , किसको लागो पांय।
हर समय तो पत्नी खड़ी, साली रोज न आय।।

सिर पर पत्नी खड़ी रहे ,आप कहां तब जांय।
दूर खड़ी साली रहे , पत्नी नहीं सकुचाय।।

होगी खटिया तब खड़ी, साली देख मुस्काय।
पत्नी ही अड़ जाय अगर,फिर तो नहीं उपाय।।

हो साली जब साथ में, मन पुलकित हो जाय।
पत्नी हो सामने खड़ी, प्रभु भी बोल न पाय।।

सुखी रहने का उपाय ,पत्नी भगत बन जांय।
पत्नी बात मानो सदा , मानो सीस झुकाय।।

पत्नी कहे खड़े रहो , कहे बैठ तब जांय।
पत्नी सेवा खूब करो, कुछ भी करो उपाय।।

सुख में वह इन्सान है, जिसकी साली होय।
जिसकी साली है नहीं, बड़ा अभागा होय।।

सफल जीवन है उसका, साली हो जब साथ।
मौज करेगा मस्ती में, साली जिसके हाथ।।
पत्नी और साली खड़ी ,किसको लागो पांय।
पत्नी तो दिन रात रहे ,साली एक उपाय।।

पत्नी देख चौकस रहो ,साली देख उमंग।
जंग करेगी पत्नी तब ,ओढ़ो साली रंग।।
----------
(हास-परिहास) वाली रचना
राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तरप्रदेश
#highlight

Comments

Popular posts from this blog

देहियां हमार पियराइल, निरमोहिया ना आइल

माई भोजपुरी तोहके कतना बताईं

आजु नाहीं सदियन से, भारत देस महान