भोजपुरी के बराबरी भाषा दूसर करी ना
भोजपुरी के बराबरी भाषा दूसर करी ना
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भोजपुरी के बराबरी भाषा दूसर करी ना
भोजपुरिया बेकार बा भोजपुरी के बिना।
पढ़ लिख के भोजपुरी भले केहू बोली ना
कहीं केहू अड़ी ना भोजपुरिया के बिना।
हिन्दी में भोजपुरी बोले से काम चली ना
भोजपुरिया आगे बढ़ी ना भोजपुरी बिना।
पहिले वाला कवनो चिझो कहीं मिली ना
नया चिझुइया अड़ी ना पुरनका के बिना।
फल फूल अंचार चटनी से काम चली ना
चली ना काम रोटी,भात,दाल के बिना।
चाऊ,माऊ खईला बिना जिनगी चली ना
थउस जाई देंह मोट अनाज खईला बिना।
टिबुल,चंपाकल के पानी से काम चली ना
फसल पूरा दाना धरी ना बरखा के बिना।
नकल कईला से ढ़ेर दिन काम चली ना
नोकरियो नीमन मिली ना पढ़ाई के बिना।
लबजई,लुतुरई,चमचई ढ़ेर दिन चली ना
भेद कबो खुलिये जाई कुछ बतवले बिना।
ए बबुआ लिखले से काम खाली चली ना
खेदा जइबऽ घर से कहियो कमइले बिना।
बबुआ राम बहादुर काम तोहरो चली ना
कटि ना जिनगी तोहार भोजपुरी के बिना।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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भोजपुरी के बराबरी भाषा दूसर करी ना
भोजपुरिया बेकार बा भोजपुरी के बिना।
पढ़ लिख के भोजपुरी भले केहू बोली ना
कहीं केहू अड़ी ना भोजपुरिया के बिना।
हिन्दी में भोजपुरी बोले से काम चली ना
भोजपुरिया आगे बढ़ी ना भोजपुरी बिना।
पहिले वाला कवनो चिझो कहीं मिली ना
नया चिझुइया अड़ी ना पुरनका के बिना।
फल फूल अंचार चटनी से काम चली ना
चली ना काम रोटी,भात,दाल के बिना।
चाऊ,माऊ खईला बिना जिनगी चली ना
थउस जाई देंह मोट अनाज खईला बिना।
टिबुल,चंपाकल के पानी से काम चली ना
फसल पूरा दाना धरी ना बरखा के बिना।
नकल कईला से ढ़ेर दिन काम चली ना
नोकरियो नीमन मिली ना पढ़ाई के बिना।
लबजई,लुतुरई,चमचई ढ़ेर दिन चली ना
भेद कबो खुलिये जाई कुछ बतवले बिना।
ए बबुआ लिखले से काम खाली चली ना
खेदा जइबऽ घर से कहियो कमइले बिना।
बबुआ राम बहादुर काम तोहरो चली ना
कटि ना जिनगी तोहार भोजपुरी के बिना।
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राम बहादुर राय
भरौली,बलिया,उत्तर प्रदेश
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